राजस्थान की संस्कृति ही है जो राजस्थान को एक अनूठी पहचान देती है। राजस्थान की संस्कृति में बहुत सारे लोकनाट्य, लोकनृत्य और लोकगीत प्रचलित है जो इसे पुरे संसार में एक अनोखी पहचान दिलाते है। राजस्…
Read more »घोसुंडी शिलालेख राजस्थान इतिहास से संबंधित कुछ प्रमुख शिलालेखों में से एक है। घोसुण्डी शिलालेख भारतीय इतिहास के प्राचीनतम संस्कृत शिलालेखों में से एक है। यह शिलालेख वैष्णव धर्म से संबंधित महत्वप…
Read more »वैसे तो राजस्थान में बहुत सारी झीलें है। लेकिन क्या आप जानते है कि राजस्थान में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील कौनसी है? राजस्थान की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील जयसमंद झील है। अगला सवाल ये है कि जयसमं…
Read more »राजस्थान के इतिहास को जानने के लिए पुरातात्विक स्रोत सबसे भरोसेमंद साक्ष्य है। इन स्रोतों में अभिलेख, सिक्के, स्मारक, ताम्र पात्र, भवन, मूर्ति, चित्रकला आदि आते है। आपने शिलालेखों के बारें में स…
Read more »नमस्कार प्रिय विद्यार्थियों, आजकल RPSC और RSMSSB द्वारा आयोजित की जाने वाली लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अरावली की प्रमुख चोटियां अवरोही क्रम से जुड़ा एक प्रश्न जरूर पूछा जाता है। लेकिन हमें…
Read more »वैसे तो राजस्थान में खारे पानी और मीठे पानी की बहुत सारी झीले है। लेकिन आज हम जानेंगे कि इन सब झीलों में राजस्थान की सबसे ऊंची झील कौन सी है? राजस्थान को भले ही रेगिस्तानी क्षेत्र के रूप में देख…
Read more »राजस्थान को रेगिस्तान की भूमि कहा जाता है, लेकिन आपको यह जानकर विस्मय होगा कि इस सूखे मरुस्थल में भी कई सुंदर और विशाल झीलें मौजूद हैं। ये झीलें न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती हैं बल्कि राजस्…
Read more »राजस्थान एक मरुस्थलीय या रेगिस्तानी क्षेत्र है क्योंकि यहां का एक बहुत बड़ा भाग सूखाग्रस्त है और बहुत कम वर्षा प्राप्त करता है। राजस्थान के पश्चिमी भाग में जहां साल भर रेत के तूफान उड़ते हैं और …
Read more »आपने राजस्थान में प्रचलित कई लोक नृत्यों के बारे सुना होगा। जिनमे से एक मछली नृत्य भी है। क्या आप जानते है कि मछली नृत्य किस जनजाति का है? यह मछली नृत्य बहुत ही अनूठा और मनमोहक नृत्य है। मछली नृ…
Read more »कर्क रेखा विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित 23'30" उत्तरी अक्षांश रेखा को कहते है जो कि एक काल्पनिक रेखा है 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है और उसके बाद सूर्य वापस से दक्षिण की ओ…
Read more »