मछली नृत्य किस जनजाति का है?

आपने राजस्थान में प्रचलित कई लोक नृत्यों के बारे सुना होगा। जिनमे से एक मछली नृत्य भी है। क्या आप जानते है कि मछली नृत्य किस जनजाति का है? यह मछली नृत्य बहुत ही अनूठा और मनमोहक नृत्य है। मछली नृत्य को देखकर आपको प्रकृति से एक अलग ही जुड़ाव महसूस होता है। तो आइये जानते है कि मछली नृत्य किस जनजाति का है? और मछली नृत्य किस प्रकार किया जाता है?

मछली नृत्य किस जनजाति का है?

मछली नृत्य किस जनजाति का है? - बंजारा जनजाति 

मछली नृत्य एक जनजातीय नृत्य है जो बंजारा जनजाति द्वारा किया जाता है। यह एक प्रकार का नृत्य नाटक है। मछली नृत्य में एक प्रेम कथा को दर्शाया जाता है।
मछली नृत्य की कहानी कुछ इस प्रकार है: बंजारा कबीले की महिलाएं कुंवारी कन्याओं के साथ पूर्णिमा की रात्रि को इकट्ठी होती है और कन्याओं से कहती है कि आसमान में जो सफेद चंद्रमा दिखाई दे रहा है, वो तुम्हारा भावी पति है। तुम्हे नृत्य करके चंद्रमा को खुश करना है जिससे चंद्रमा धरती पर आए और तुम्हे स्वीकार करे। लड़कियां पूरे उत्साह और खुशी के साथ अपने नृत्य से चंद्रमा को रिझाने का प्रयास करती है और अंत में थककर नीचे गिर जाती है लेकिन चंद्रमा धरती पर नहीं आता तो वे इस प्रकार तड़पती है मानो बिना पानी के मछली तड़पती है, इसी कारण इस नृत्य को मछली नृत्य नाम दिया गया। 
यह विश्व का एकमात्र नृत्य है जो खुशी (हर्षोल्लास) के साथ शुरू होता है लेकिन दुःख (शोक) के साथ खत्म होता है। 

राजस्थान में मछली नृत्य कहा का प्रसिद्ध है ?

राजस्थान में मछली नृत्य बाड़मेर क्षेत्र का प्रसिद्ध है। 

राजस्थान में मछली नृत्य किस जनजाति द्वारा किया जाता है ?

राजस्थान में मछली नृत्य बंजारा जनजाति की अविवाहित कन्याओं द्वारा किया जाता है। 

मछली नृत्य का वीडियो:

तो अब आप जान गए होंगे कि मछली नृत्य किस जनजाति का है? मछली नृत्य बंजारा जनजाति का है और मुख्य रूप से बाड़मेर जिले में किया जाता है। यदि आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताये और कोई सवाल हो तो भी पूछे।

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