राजस्थान के इतिहास को जानने के लिए पुरातात्विक स्रोत सबसे भरोसेमंद साक्ष्य है। इन स्रोतों में अभिलेख, सिक्के, स्मारक, ताम्र पात्र, भवन, मूर्ति, चित्रकला आदि आते है। आपने शिलालेखों के बारें में सुना होगा शिलालेख से आशय है कि "किसी शिला अर्थात पत्थर पर खुदवाया गया लेख"। आज के आर्टिकल में आप जानेंगे कि राजस्थान का सबसे प्राचीन शिलालेख कौन सा है?
राजस्थान का सबसे प्राचीन शिलालेख कौन सा है? - बड़ली का शिलालेख
राजस्थान का प्राचीनतम शिलालेख बड़ली का शिलालेख माना जाता है। बड़ली का शिलालेख डॉ. गौरीशंकर हीराचंद ओझा को अजमेर जिला मुख्यालय से 32 मील दूर केकड़ी तहसील के बड़ली गांव में भिलोटा माता मंदिर से प्राप्त हुआ। बड़ली शिलालेख जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर के निर्वाण के 84 वर्ष बाद अर्थात वीर सम्वत 84 या 443 ईसा पूर्व में राजा सालीममालिनी द्वारा खुदवाया गया।
बड़ली शिलालेख में लिखा है कि भगवन महावीर के निर्वाण के 84 वर्ष बाद सालिममालिनी ने मध्यमिका (नगरी) में किसी की स्मृति में यह लेख लिखवाया है। यह लघु खंडित शिलालेख मेवाड़ का उपलब्ध प्रथम शिलालेख माना जाता है।
- बड़ली का शिलालेख राजस्थान का सबसे प्राचीनतम शिलालेख है।
- बड़ली शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखा गया है।
- बड़ली शिलालेख विश्व का ब्राह्मी लिपि में लिखा गया पहला शिलालेख माना जाता है।
- वर्तमान में बड़ली शिलालेख राजकीय संग्रहालय अजमेर में सुरक्षित है।
FAQs: राजस्थान का सबसे प्राचीन शिलालेख कौन सा है?
बड़ली शिलालेख किस वर्ष खुदवाया गया?
बड़ली शिलालेख 443 ईसा पूर्व में राजा सालिममालिनी द्वारा खुदवाया गया।
बड़ली शिलालेख की खोज किसने की?
बड़ली शिलालेख की खोज गौरीशंकर ओझा ने की।
बड़ली का शिलालेख कहाँ स्थित है?
बड़ली शिलालेख अजमेर जिले के बड़ली गांव के भीलोत माता मंदिर में स्थित था और वर्तमान में अजमेर के राजकीय संग्रहालय में है।
बड़ली शिलालेख किस लिपि में लिखा गया है?
बड़ली शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखा गया है।
विश्व का पहला ब्राह्मी लिपि का शिलालेख कौनसा है?
विश्व का पहला ब्राह्मी लिपि का शिलालेख बड़ली शिलालेख है।
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